जिन्दगी का एक और वर्ष कम हो गया कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ गया कुछ ख्वाईशें दिल मे रह गई हैं कुछ बिन मांगे मिल गई हैं कुछ अपने छोड़कर चले गये कुछ नये जुड़ेंगे शायद इस सफर में ऐसा सपना देकर आ रहें हैं कुछ मुझसे बहुत खफा़ हैं कुछ मुझसे बहुत खुश हैं कुछ मुझे मिल के भी मुझे भूल गये कुछ मुझे आज भी याद करते हैं कुछ शायद मेरे अस्तित्व को पहचान कर भी अनजान हैं कुछ मैंने कम ज्यादा तरक्की इससे बहुत परेशान हैं कुछ को मेरा इंतजार हैं कुछ का मुझे इंतजार हैं कुछ सही है कुछ गलत भी हैं चलो.. नए साल में कुछ गलतीयों को तो माफ कीजिये और कुछ अच्छा लगे तो हमेशा कि तरह मुझे याद कीजिये ©शब्दवेडा किशोर #नया_साल_पुरानी_याद