इंसान गलतियों का पुतला हैं,जाने अंजाने में वह कुछ गलतियां कर बैठता है, इसका यह मतलब बिलकुल नहीं कि वह व्यक्ति पूर्णतया गलत हैं। कभी कभी इंसान की मनोदशा उससे गलतियां करवा देती है, हां अगर कोई बार बार वही गलतियां दोहरा रहा हो तब इसे उसकी मनोदशा का दोष नही कह सकते,क्योंकि तब वह गलतियों को जान बुझ कर कर रहा होता है इसलिए यह कह सकते है कि उसकी मानसिकता ही खराब हैं।ऐसे समय में उक्त व्यक्ति से उचित दूरी बना लेने ही बुद्धिमानी है। राधे राधे सुप्रभात ©Ankur tiwari #suprbhat #Morning #Sky