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दर्द की अलग अलग भाषा होती हैं , कोई हस कर इसे छुपत

दर्द की अलग अलग भाषा होती हैं ,
कोई हस कर इसे छुपता है।
तो कोई इसे रो कर दिखता है।
हा दर्द की, सबके लिए अपनी अपनी भाषा होती है।
 कोई दर्द को बया कर जाता है।
तो कोई दर्द को सीने में छिपाए रह जाता है।
मगर दर्द तो सबके दिल में घर कर जाता है।।
कोई इसे खामोशी से सह जाता है।
तो कोई इसे बोल कर बया कर जाता है।
 #दर्दकीभाषा #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #yqankitagupta #ankitaguptafealling #ankitaguptapoem
दर्द की अलग अलग भाषा होती हैं ,
कोई हस कर इसे छुपता है।
तो कोई इसे रो कर दिखता है।
हा दर्द की, सबके लिए अपनी अपनी भाषा होती है।
 कोई दर्द को बया कर जाता है।
तो कोई दर्द को सीने में छिपाए रह जाता है।
मगर दर्द तो सबके दिल में घर कर जाता है।।
कोई इसे खामोशी से सह जाता है।
तो कोई इसे बोल कर बया कर जाता है।
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ankitagupta1543

khusi

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