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White आज अभी हूँ अंधियारों में , क्यों कोई ढूँढे उ

White आज अभी हूँ अंधियारों में ,
क्यों कोई ढूँढे उजियारों में ,
दीप जलाना भी मुसकिल ,
जब दीप  बुझे  बयारों  में ।

©darpanpremka by Rajesh Rj
  sad shayari 
#good_night 
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 Rakhee ki kalam se  प्रज्ञा  @Gudiya*****  Kshitija  संस्कृतलेखिकातरुणाशर्मा-तरु  शायरी दर्द