"नवम्बर" के महीने का, वो शायद आख़री दिन था. बरस गुज़रे कई, मैंने "मोहब्बत" लफ़्ज़ लिक्खा था. किसी काग़ज़ के टुकड़े पर.. अचानक याद आया है, किसी से बात करनी थी. उसे कहना था जाने-जाँ मुझे तुमसे मोहब्बत है.. मगर मैं कह नहीं पाया. वो काग़ज़ आजतक, लिपटा पड़ा है धूल में लेकिन, किसी को दे नहीं पाया..!😣 नवम्बर का महीना