हमारी कहानी का एक पहलू ये भी है। मैं लब हूँ उसका, वो मेरा शब्द है। मैं आवारा पंछी इस नील गगन का। वो मेरा आशियाना एक दरख़्त है। मैं अविरल बहता हूँ पानी की धार सा। वो पल पल बीतता हुआ मेरा वक़्त है। मैं सोचता हूँ उसे आँखों में बसाने का। वो पलकों से झर झर बहता अश्क़ है। ख्वाबों की दुनिया मे रहना चाहता हूँ। पलक झपकने का भी कहाँ वक़्त है। मैं चाहता हूँ उसे अब गज़लों में पिरोना। वो मेरे दिल का सुकूँ मेरी एक नज़्म है। ♥️ Challenge-763 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।