इंसानियत की बस्ती में यहाँ हैवानियत का राज है। तुम कब तक लड़ोगे तुमारी क्या ओकाद है। यहां इंसानो को भेड़िया बनते देखा है तुमने कभी इंसानो को खुदा बनते देखा है। यहाँ की राजनीति ने अपनो को अपनो से दूर किया है। दंगे, लींचिंग, भुखमरी, बेरोजगारी यही तो इसने दिया है। क्या तुमने इन्हें कभी देश के लिए लड़ते देखा है। हमने तो अपनो को खोते देखा है। यहां तो सबको धर्मो ने जखेड़ा है। तुम कोन जात हो, यही सबने पूछ डाला है। ना पूछा किसी ने हमको तुम भूखा हो, या प्यासा हो, बताया उसने हमको हजारों लाखो का दान हमने मंदिर मज़ीद, चर्च गुरूद्वरा में डाला है..!! भेद तो बनाने वाले ने ना किया हमसे तुमने हमको जातियों में डाला है। तोड़के बेड़िया सारी बाबा साहब ने तुम्हारे ही मुँह पर तमाचा मारा है। कब तक जिहोंगें खुद के लिए कब तक ये धंधा धर्मो ओर राजनीती का चलाना है। कभी तो निकलो देश के विकास ओर समाज को नई राह देने के लिए। तुम समझते हो ये सुधर जाएंगे तुम कोशिस हजार कर लो ये मुखर जायेंगे। पर न रूखना तुम पर न पीछे हटना तुम तुम्हारे हौसलों से आगे बढ़ना तुम बदलाव की ज्वाला को जलाना तुम..!! :-बबलू_रामटेके..✍️ #World_Speech_Day #India #Thought #NojotoPoem #NojotoQuotes #Religious #धर्म #राजनीती #Politics