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हररोज़ एक नया मसला होता हैं, और रोज़ ही अफ़सोस जताकर,

हररोज़ एक नया मसला होता हैं,
और रोज़ ही अफ़सोस जताकर,
भुला दिया जाता हैं॥

कोई तो खुशखबर आयें,
हर सुबह इंतज़ार रहता हैं,
रोज अख़बार का मुँह देखकर,
चाय का स्वाद बिगड़ जाता हैं॥

मानवता का कोई भी प्रतिबिंब,
मानव में अब नज़र नहीं आता हैं॥
✍🏻Devina..
on_instagram_@devina_raghuwanshi. मानवता की दयनीय स्थिति॥
हररोज़ एक नया मसला होता हैं,
और रोज़ ही अफ़सोस जताकर,
भुला दिया जाता हैं॥

कोई तो खुशखबर आयें,
हर सुबह इंतज़ार रहता हैं,
रोज अख़बार का मुँह देखकर,
चाय का स्वाद बिगड़ जाता हैं॥

मानवता का कोई भी प्रतिबिंब,
मानव में अब नज़र नहीं आता हैं॥
✍🏻Devina..
on_instagram_@devina_raghuwanshi. मानवता की दयनीय स्थिति॥