'कहाँ गुम हो - कहाँ गुम हो' मरकज़ में-किनारों में, तमन्नाओं के घेरों में तुम्हीं तुम हो, तुम्हीं तुम हो। चरागों-आफ़ताबों में, रातों के अंधेरों में तुम्हीं तुम हो, तुम्हीं तुम हो। गुलों में-सब गुलाबों में, चमकते से कनेरों में तुम्हीं तुम हो, तुम्हीं तुम हो। गुलशन में-सितारों में, मेरे मन के बसेरों में तुम्हीं तुम हो, तुम्हीं तुम हो। हरसूं आसमानों में, बंजारों से डेरों में तुम्हीं तुम हो, तुम्हीं तुम हो। परिंदों की उड़ानों में, फूल-भंवरे-चितेरों में तुम्हीं तुम हो, तुम्हीं तुम हो। किस्तूरी-आफ़ाकों में, साराबों के फेरों में कहाँ गुम हो, कहाँ गुम हो? #NaveenMahajan ( आफ़ाक_मरीचिका, साराब_क्षितिज) #Beauty कहाँ गुम हो