ये है नारी की सदाशयता, नारी की महानता, जिन्होंने उसे दाँव पर लगाया उन्हीं को दासता से मुक्ति दिलाई अति करने वालों पर भी कोमलता ही लुटाई! स्वाभिमानी द्रोपदी! मानीनी द्रोपदी! महारानी द्रोपदी!! द्रोपदी के यश गान में तो शब्द भी असमर्थ हैं, वर भी दो ही मांग सकती थी! वो भी पाण्डवों की मुक्ति, न राज्य, न सुख वैभव! महान लोगों की महानता की भी सीमा नहीं और निकृष्ट लोगों की निकृष्टता की भी सीमा नहीं!! #नारी की सदाशयता #20. 04.20