अपनों के लिए ही जिए हम, ख्याल रखा हमने सबका ठुकराए गए हम, क्या ख़ूब रहा ये भी दस्तूर ज़माने का दिल लगाया जिससे भी हमने, दिल चकनाचूर होने से कोई ना बचा सका प्यार के बदले मिली बेरुखी, क्या ख़ूब रहा ये भी दस्तूर ज़माने का अपने दिल का कुछ करना चाहा मैंने, मैं कभी कुछ कर ना सका हर कदम पर मिली रुकावटें, क्या ख़ूब रहा ये भी दस्तूर ज़माने का कॉलेब करें Proverbs World 💙 के साथ। #PWविशेषcon का सातवां पोस्ट. Pinned post में दी गई पंक्ति सीमा का पालन करें और अनिवार्य # को जोड़े । #PW #proverbsworld #pwहिंदी #PWविशेषconR2p3 #pwजीबीविशेषचरण2 #YourQuoteAndMine