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" दिल के दायरों से नजदिकियां बना के देखो , जीने के

" दिल के दायरों से नजदिकियां बना के देखो ,
जीने के अंदाज बदल जायेगे ,
जब भी होंगे हम तन्हा इसकदर की ,
तन्हाई में एक-दुजे को याद कर के मुस्कुरायेगे ." 
 
                            --- रबिन्द्र राम 
 
  Pic : pexels.com 

" दिल के दायरों से नजदिकियां बना के देखो ,
जीने के अंदाज बदल जायेगे ,
जब भी होंगे हम तन्हा इसकदर की ,
तन्हाई में एक-दुजे को याद कर के मुस्कुरायेगे ." 
 
                            --- रबिन्द्र राम
" दिल के दायरों से नजदिकियां बना के देखो ,
जीने के अंदाज बदल जायेगे ,
जब भी होंगे हम तन्हा इसकदर की ,
तन्हाई में एक-दुजे को याद कर के मुस्कुरायेगे ." 
 
                            --- रबिन्द्र राम 
 
  Pic : pexels.com 

" दिल के दायरों से नजदिकियां बना के देखो ,
जीने के अंदाज बदल जायेगे ,
जब भी होंगे हम तन्हा इसकदर की ,
तन्हाई में एक-दुजे को याद कर के मुस्कुरायेगे ." 
 
                            --- रबिन्द्र राम