दुश्मन जैसे दोस्त झूठी मुस्कान ,दिल में फरेब था । देखा हमने ,प्यार उसके लिए एक खेल था उसकी आंखे बताती थी ,हमारे ही आशियाने में एक दुशमन ,दोस्त की भेष में था।। reenu✍️ #Friendship #december#Dost #Dusman#Priyankaanuragi#Reenu#Shayri#Poem#Quotes