इक रुख़ - ए - जेब़ा जैसे कोई कटार सीने पे दो मासूम बसरी जैसे दो मूरत - ए - कनिश्त पाक शफ्फ़ाफ हुस्न जैसे कोई मजार मदीने में रुख-ए-जेब़ा- हसीं चेहरा बसरी- आँखें मूरत-ए-कनिश्त - मंदिर की मूरत #yqdidi #yqbaba #yqbhaijan #yqurdu