मतलबी ये सारा ज़माना है। अपने लक्ष्य को हमें खुद ही पाना है। मेहनत कर तक़दीर बदलना है हमें, ख़्वाब को हक़ीक़त हमें बनना है। इन बहते आंँसूओं से वादा है अपना, अपने नाम का परचम हमें लहराना है। आज हंसते हैं जो हमारी मुफलिसी पर, बदलते वक्त का मिजाज़ उन्हें दिखाना है। 👉 ये हमारे द्वारा आयोजित प्रतियोगिता संख्या - 21. है, आप सब को दिए गए शीर्षक के साथ Collab करना है..! 👉 आप अपनी रचनाओं को आठ पंक्तियों (8) में लिखें..! 👉Collab करने के बाद Comment box में Done जरूर लिखें,और Comment box में अनुचित शब्दों का प्रयोग न करें..! 👉 प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम समय सीमा कल सुबह 11 बजे तक की है..!