हां मै धर्म हूं मजहब हूं कहने को ख्वाब हूं या कहूं तो अधूरा सा एहसास हूं। फसाद की वजह हूं ? या कहूं मै खुद में ही एक फसाद हूं। मानवता का झुठा सोच हूं, या कहूं तो हर रात मेरे नाम पे होती मौत की शोर हूं। टेहरा सा शांत समुंदर हूं, या कहूं तो सियासत का शैलाब हूं। मानवता के पहचान सा उजाला हूं, या कहूं तो हर रोज भड़कती दंगे का अंधकार हूं। खुद से पूछा है कई बार मैंने, खुद को समझाया कई बार मैंने। पर मै तो वो ही हूं .. जो तुमने मुझे बनाया है। मिट्टी की आकृति हूं, एक दिन इसमें ही मिल जाना है। @alfazo_ki_galiyan #dharm #delhi #hinsa #caa #racisim #mynojato #india #love #peace #ma