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बेताब आंखें दीदार को तरस्ती हैं मिलने को कहता है म

बेताब आंखें
दीदार को तरस्ती हैं
मिलने को कहता है मन
दूरी नहीं दिखती है
मन माने नहीं और अखियाँ तरस्ती हैं
मिलने को तडपती हैं

©Dr  Supreet Singh
  #बेताब_आंखे