मुझे तेरा झूठा पसंद था, झूठ नहीं @since_july7 याद है तुझे। तू जब मेरे पीछे बाइक पर बैठ कर किसी लस्सी वाले को देखकर लस्सी पीने की जिद्द करती... भैया 2 लस्सी देना -मैं लस्सी वाले से कहता तू बीच में ही रोक कर बोलती थी नहीं भैया एक ही दीजिये| और फिर तू उस लस्सी को झूठा करती और फिर मुझको दे देती तुझे मज़ा आता था न इसमें? मुझे भी तेरा झूठा अच्छा लगता था। पर तेरा झूठ नहीं