विरह में जी रही शब्दों की आभारी हूँ, कलम मेरे हाथ में अब रही ना मैं बेचारी हूँ, रुक-रुक कर चल रही अभी ना मैं हारी हूँ, वज़न भले ही हल्का बातें लिखती मगर भारी हूँ, कल की तरह इश्क़ निभाने वाली मैं आज की नारी हूँ.. Happy Women's Day 8 March 2020 #happywomensday #Womem #womenday #महिलादिवस