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ये खूबसूरत बारिशें, ये ठंडी बारिशें, ये मनचली बारि

ये खूबसूरत बारिशें, ये ठंडी बारिशें, ये मनचली बारिशें,  
जिनका बरस भर इंतज़ार रहता है, वो रिमझिम बारिशें,
जाने क्यूँ मुझसे खासा नाराज़ है, ये मदमस्त बारिशें।

तपती गर्मी से आराम सबको दिलाती, ये शीतल बारिशें,
हर बरस मेरा गम थोड़ा सा बढ़ा देती है, ये नन्हीं बारिशें,
जाने क्यूँ मुझसे खासा नाराज़ है, ये मदमस्त बारिशें।

देती है मुस्कान फूल, पत्ती, या हो इंसान, ये सुहानी बारिशें,
फिर क्यूँ मेरा ही चेहरा उदास कर देती हैं, ये अहमी बारिशें,
जाने क्यूँ मुझसे खासा नाराज़ है, ये मदमस्त बारिशें।

बरसों पहले छीन ले तो गईं, जो था मुझे सबसे अजीज़,
फिर क्यूँ थोड़ा - थोड़ा मुझको, हर बरस,
और तन्हा कर जाती है, ये झड़ी में आती बारिशें।
जाने क्यूँ मुझसे खासा नाराज़ है, ये मदमस्त बारिशें।

पूछा मैंने कई बार, सवाल अपना तुमसे, गुनगुनाती बारिशें,
पर अपने खुद के शोर के नशे में चूर तुम, 
मेरे सवालों को अनसुना करती रही, चंचल बारिशें,
शिकायत बहुत है तुमसे मुझे, छपछपाती बारिशें,
जाने क्यूँ मुझसे खासा नाराज़ है, ये मदमस्त बारिशें।
ये खूबसूरत बारिशें, ये ठंडी बारिशें, ये मनचली बारिशें,  
जिनका बरस भर इंतज़ार रहता है, वो रिमझिम बारिशें,
जाने क्यूँ मुझसे खासा नाराज़ है, ये मदमस्त बारिशें।

तपती गर्मी से आराम सबको दिलाती, ये शीतल बारिशें,
हर बरस मेरा गम थोड़ा सा बढ़ा देती है, ये नन्हीं बारिशें,
जाने क्यूँ मुझसे खासा नाराज़ है, ये मदमस्त बारिशें।

देती है मुस्कान फूल, पत्ती, या हो इंसान, ये सुहानी बारिशें,
फिर क्यूँ मेरा ही चेहरा उदास कर देती हैं, ये अहमी बारिशें,
जाने क्यूँ मुझसे खासा नाराज़ है, ये मदमस्त बारिशें।

बरसों पहले छीन ले तो गईं, जो था मुझे सबसे अजीज़,
फिर क्यूँ थोड़ा - थोड़ा मुझको, हर बरस,
और तन्हा कर जाती है, ये झड़ी में आती बारिशें।
जाने क्यूँ मुझसे खासा नाराज़ है, ये मदमस्त बारिशें।

पूछा मैंने कई बार, सवाल अपना तुमसे, गुनगुनाती बारिशें,
पर अपने खुद के शोर के नशे में चूर तुम, 
मेरे सवालों को अनसुना करती रही, चंचल बारिशें,
शिकायत बहुत है तुमसे मुझे, छपछपाती बारिशें,
जाने क्यूँ मुझसे खासा नाराज़ है, ये मदमस्त बारिशें।