एक सुबह जब अख़बार आया, देख के उसको मन ललचाया। बाबा के हाथों से बचाया, विज्ञापन का पेज छुपाया। दिखने में इतना सुंदर, और युवती भी क्या ख़ूब छपी थी। हाथों में जादू की डब्बी, जो कर दे इच्छा की पूर्ति। रोज़ रात मुँह धोकर इसको, चेहरे पर लगाना है। रोज़ रात कम-से-कम हफ़्तेभर, ये नियम अपनाना है। फ़िर हफ़्तेभर में चेहरे को, रूप बहुत मिल जाना है। दौड़ गयी मैं नुक्कड़ तक, सहेली को भी तो बताना है। अम्मा से नज़रें थी बचाई, वो तो नेचरल ब्यूटी का खज़ाना है। और पकड़े गए तो बिन मांगे ही, बहुत ज्ञान मिल जाना है। दोनो सखियाँ ले आईं थी, जादू की उस डिबिया को। रोज़ रात नित नियम से, सारे नियम को माना था। हफ़्तेभर बाद वही रूप था, कुछ न उसमें बदलाव आया था। उस युवती ने जो फैलाई थी, विज्ञापन में जो आई थी, ख़बर झूठी निकली। #NojotoQuote बाज़ारीकरण और उसके झूठ #nojoto #bazarikaran #nojotohindi #nojotoquotes #nojotohindiquotes