जब तक है जान मैं लिखूंगा यहाँ हर एक बयान जब तक है जान जब तक है जान तुम पढ़ोगे मेरी ही कलम की जबान जब तक है जान जब तक है जान बहुत है मेरे दिल में अभी अरमान जब तक है जान जब तक है जान ये कविता बन गई है मेरी पहचान जब तक है जान जब तक है जान मेरे अंदर छुपा है खयालों का खादान जब तक है जान जब तक है जान पेश करूँगा आपको मेरे मेहरबान जब तक है जान जब तक है जान मुझे चाहिए आपकी दुआओं का मकान जब तक है जान जब तक है जान आपकी मोहब्बत ने दी है मुझे उड़ान जब तक है जान जब तक है जान आदित्य कुमार भारती #जब तक है जान