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कई बार हम भावनाओं को अपनी पहचान बना लेते है- जैस

 कई बार
हम भावनाओं को 
अपनी पहचान बना लेते है-
जैसे
'नाराज़ हूं'
जब हम भावनाओं को 
विषय की तरह देखते है..
तब कहते है -
'नाराज़गी महसूस रही है'
बात एक है
तरीके अलग
एक अनावश्यक बंधन बनाता है
दूसरा बंधन से स्वतंत्र करता है...

©Anupama Sharma
  #dealingwithemotion 
❤️

#dealingwithemotion ❤️ #Poetry

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