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प्रेम की परिभाषा सबके लिए भिन्न क्यों? प्रेम तो ई

प्रेम की परिभाषा सबके लिए भिन्न क्यों?

प्रेम तो ईश्वर का स्वरूप है,
जब ईश्वर एक है सबके लिए 

तो प्रेम कैसे अलग हो सकता है?

©Swechha S प्रेम की परिभाषा सबके लिए भिन्न क्यों?
#14Janaury #Prem
#Love
प्रेम की परिभाषा सबके लिए भिन्न क्यों?

प्रेम तो ईश्वर का स्वरूप है,
जब ईश्वर एक है सबके लिए 

तो प्रेम कैसे अलग हो सकता है?

©Swechha S प्रेम की परिभाषा सबके लिए भिन्न क्यों?
#14Janaury #Prem
#Love
swechhas4861

Swechha S

Silver Star
Entrepreneur Creator