Nojoto: Largest Storytelling Platform

जिस दिन शरीर से रूह मेरी आजाद होगी। मेरी शव यात्रा

जिस दिन शरीर से रूह मेरी आजाद होगी।
मेरी शव यात्रा कुछ यूँ खास होगी।
चारो और फैली मेरी ही बात होगी।
मेरी आवाज ही मेरी पहचान होगी।
बरसते आँसूं चारो तरफ खामोशी।
मेरी कलम मेरी ताकत की पहचान होगी।
अर्थी में मेरी सजे होंगे जो फूल।
उन फूलों से आती खुशबु में वही बात होगी।
जो बात मेरे लिखने पर लोग वाह बोलते है।
मेरे मरने पर सिर्फ एक आह होगी।
सहेजेंगे लोग पलकों में यादें मेरी।
मेरी बारात रुखसत यूँ सरे आम होगी।-नेहा शर्मा। जिस दिन शरीर से रूह मेरी आजाद होगी।
मेरी शव यात्रा कुछ यूँ खास होगी।
चारो और फैली मेरी ही बात होगी।
मेरी आवाज ही मेरी पहचान होगी।
बरसते आँसूं चारो तरफ खामोशी।
मेरी कलम मेरी ताकत की पहचान होगी।
अर्थी में मेरी सजे होंगे जो फूल।
उन फूलों से आती खुशबु में वही बात होगी।
जिस दिन शरीर से रूह मेरी आजाद होगी।
मेरी शव यात्रा कुछ यूँ खास होगी।
चारो और फैली मेरी ही बात होगी।
मेरी आवाज ही मेरी पहचान होगी।
बरसते आँसूं चारो तरफ खामोशी।
मेरी कलम मेरी ताकत की पहचान होगी।
अर्थी में मेरी सजे होंगे जो फूल।
उन फूलों से आती खुशबु में वही बात होगी।
जो बात मेरे लिखने पर लोग वाह बोलते है।
मेरे मरने पर सिर्फ एक आह होगी।
सहेजेंगे लोग पलकों में यादें मेरी।
मेरी बारात रुखसत यूँ सरे आम होगी।-नेहा शर्मा। जिस दिन शरीर से रूह मेरी आजाद होगी।
मेरी शव यात्रा कुछ यूँ खास होगी।
चारो और फैली मेरी ही बात होगी।
मेरी आवाज ही मेरी पहचान होगी।
बरसते आँसूं चारो तरफ खामोशी।
मेरी कलम मेरी ताकत की पहचान होगी।
अर्थी में मेरी सजे होंगे जो फूल।
उन फूलों से आती खुशबु में वही बात होगी।