चाँद पर बढ़ा सम्मान है अपना, बढ़ा अभिमान है अपना, किया सच ख़्वाब देखा जो, ग़जब विज्ञान है अपना। घड़ी खुशियों की है आई, बड़ा ही गर्व का पल है- सतह पे चाँद के उतरा, अभी चन्द्रयान है अपना।। ©पंकज प्रियम chand