रास्ता तकती हुई आँखे रास्ता तकती हुई एक मुद्दत से बेशुमार आँखे सेहर का ख्वाब लिए सब उमीदवार आँखे मै जानता हूं की हरगिज़ ना आएगा अब वह निभाए जाते है पर फ़र्ज़-ऐ इंतेज़ार आँखे बिछड़ते वक़्त वो रोया तो था मगर F__M मुशरतो में भी होती ही अश्क़ बार आँखे F______M Soumya Jain