छुपा कर रखता हूँ कही तन मन एक ना हो जाय आत्मा में बसी रहे जिंदगी जिसमें कोई बंधन ना हो मिलन में कोई अड़चन ना हो बस पलक बंद हो तो उनकी दस्तक हो जाए santosh sharma meri atma