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हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत्

हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2078 (तदनुसार 13 अप्रैल 2021) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ।
हिंदू भारतीय इतिहास में इस दिन का बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। आज से  1,96,08,53,122 वर्ष पूर्व इस ब्रह्माण्ड का रचना प्रारंभ हुआ था सूर्य उदय के साथ। सत्ययुग का प्रारंभ भी इसी दिन को हुआ था।
सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना साम्राज्य स्थापित किया, उन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का नामकरण हुआ है। शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में शल्य संवत की स्थापना किया। 
बसंत ऋतु का आरंभ लगभग इसी समय होता है, जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से परिपूर्ण होती है फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है !पुराणों में कुल 60 संवत्सरों का जिक्र है. इसके मुताबिक़ नवसंवत्सर यानी नवसंवत्सर 2078 का नाम आनंद होना चाहिए था. लेकिन ग्रहों के कुछ ऐसे योग बन रहे हैं जिसकी वजह से इस हिन्दू नववर्ष का नाम 'राक्षस' होगा.
राक्षस नाम के इस संवत्सर में मंगल के राजा होने से वर्षा में कमी होगी। फसल कम होगी। अनाज, घी और तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आएगा। मंगल के मंत्री होने से दूध की कमी होगी। नकली दूध का उत्पादन बढ़ेगा। आम जनता में दुख और आक्रोश बढ़ेगा लेकिन मुट्ठी भर लोग सुखी होंगे। आम जनता के कष्ट में वृद्धि के संकेत हैं। शुक्र के धन्याधिपति होने से बड़ों का भय नष्ट होता है। गुरु के धान्येश होने से अन्न की अच्छी उपज होगी। अकाल से अनाज और औषधि नष्ट होने से क़ीमतें बढ़ेंगी।
गुरु के द्वारा धन की कमी भी नहीं होने दी जाएगी। कुल मिलाकर पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के आसार है। इस साल देश में कई तकरीबन सैंकड़ों की संख्या में आंदोलन होंगे। जो संवत्सर 2078 के अंत तक सिमटते हुए दिखेंगे। वहीं कई लोगों के असली चेहरे भी इस दौरान सामने उजागर हो जाएंगे। दुर्घटना, आतंक, चोरी और दंगे बढ़ेंगे, सीमा क्षेत्रों में युद्ध के लक्षण दिखेंगे, जो अगले वर्ष तक निर्णय होगा।
बीमारियों से निजाद नवंबर तक होने की उम्मीद है और शिक्षण संस्थानों को नई प्रारूप भी मिलेगा। नए नेतृत्व का मार्ग भी खुलेगा जो नए प्रारूप में दर्शन मार्ग को खोलेगा। #मैत्रेय #नववर्ष #रुद्रभयानंद #चैत्र #soulsearchers #soulwisdom

©Maitreya हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2078 (तदनुसार 13 अप्रैल 2021) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ।
हिंदू भारतीय इतिहास में इस दिन का बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। आज से  1,96,08,53,122 वर्ष पूर्व इस ब्रह्माण्ड का रचना प्रारंभ हुआ था सूर्य उदय के साथ। सत्ययुग का प्रारंभ भी इसी दिन को हुआ था।
सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना साम्राज्य स्थापित किया, उन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का नामकरण हुआ है। शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में शल्य संवत की स्थापना किया। 
बसंत ऋतु क
हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2078 (तदनुसार 13 अप्रैल 2021) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ।
हिंदू भारतीय इतिहास में इस दिन का बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। आज से  1,96,08,53,122 वर्ष पूर्व इस ब्रह्माण्ड का रचना प्रारंभ हुआ था सूर्य उदय के साथ। सत्ययुग का प्रारंभ भी इसी दिन को हुआ था।
सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना साम्राज्य स्थापित किया, उन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का नामकरण हुआ है। शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में शल्य संवत की स्थापना किया। 
बसंत ऋतु का आरंभ लगभग इसी समय होता है, जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से परिपूर्ण होती है फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है !पुराणों में कुल 60 संवत्सरों का जिक्र है. इसके मुताबिक़ नवसंवत्सर यानी नवसंवत्सर 2078 का नाम आनंद होना चाहिए था. लेकिन ग्रहों के कुछ ऐसे योग बन रहे हैं जिसकी वजह से इस हिन्दू नववर्ष का नाम 'राक्षस' होगा.
राक्षस नाम के इस संवत्सर में मंगल के राजा होने से वर्षा में कमी होगी। फसल कम होगी। अनाज, घी और तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आएगा। मंगल के मंत्री होने से दूध की कमी होगी। नकली दूध का उत्पादन बढ़ेगा। आम जनता में दुख और आक्रोश बढ़ेगा लेकिन मुट्ठी भर लोग सुखी होंगे। आम जनता के कष्ट में वृद्धि के संकेत हैं। शुक्र के धन्याधिपति होने से बड़ों का भय नष्ट होता है। गुरु के धान्येश होने से अन्न की अच्छी उपज होगी। अकाल से अनाज और औषधि नष्ट होने से क़ीमतें बढ़ेंगी।
गुरु के द्वारा धन की कमी भी नहीं होने दी जाएगी। कुल मिलाकर पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के आसार है। इस साल देश में कई तकरीबन सैंकड़ों की संख्या में आंदोलन होंगे। जो संवत्सर 2078 के अंत तक सिमटते हुए दिखेंगे। वहीं कई लोगों के असली चेहरे भी इस दौरान सामने उजागर हो जाएंगे। दुर्घटना, आतंक, चोरी और दंगे बढ़ेंगे, सीमा क्षेत्रों में युद्ध के लक्षण दिखेंगे, जो अगले वर्ष तक निर्णय होगा।
बीमारियों से निजाद नवंबर तक होने की उम्मीद है और शिक्षण संस्थानों को नई प्रारूप भी मिलेगा। नए नेतृत्व का मार्ग भी खुलेगा जो नए प्रारूप में दर्शन मार्ग को खोलेगा। #मैत्रेय #नववर्ष #रुद्रभयानंद #चैत्र #soulsearchers #soulwisdom

©Maitreya हिन्दू नववर्ष" चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् 2078 (तदनुसार 13 अप्रैल 2021) की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ।
हिंदू भारतीय इतिहास में इस दिन का बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। आज से  1,96,08,53,122 वर्ष पूर्व इस ब्रह्माण्ड का रचना प्रारंभ हुआ था सूर्य उदय के साथ। सत्ययुग का प्रारंभ भी इसी दिन को हुआ था।
सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना साम्राज्य स्थापित किया, उन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का नामकरण हुआ है। शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में शल्य संवत की स्थापना किया। 
बसंत ऋतु क
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