तेरा आना, और बिन बोले लौट जाना गलत है। पहले प्यारी सी एक थपकी देना, फिर नींदों से जगाना गलत है। मेरी मुसकुराहट को यों सबकी नजरों से छुपा के रखना और फिर एक दिन मेरे हालतों पर हँसना गलत है। तेरे सपने तेरी चाहत, तेरी खुशी के लिये, मेरी कुछ ख़्वाहिशों से खेलना गलत है। क़रीब आना इस कदर की फिर दूर न हो, और अचानक किसी मोड़ पर हाथ छोड़ना गलत है। मेरा सब तेरा, तेरा भी सब तेरा खुद को मुझसे फिर चुराना गलत है। तू सही तेरी बातें और तेरे उसूल भी सही, शायद एक मेरी मोहब्बत ही गलत है। यह ज़रूरी है कि दिन को दिन कहा जाए और रात को रात। सही को सही और ग़लत को गलत। लिखें जो आपकी नज़र में ग़लत है। #ग़लतहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi