इक दिन मेरे आज़ाद ख़याल कुछ इतने आज़ाद हो गए कि मुझे अपने ही घर का रास्ता दिखाने से भी मुकर गए अब मैं फिर से ढूंढ रहा हूँ बेहिस ग़ुलामी की ज़ज़ीरों को ख़यालों को आज़ाद करते ही वो देखो सारे बिखर गए बेहिस =insensitive (विनीत राज कपूर) One day my free thoughts got swayed by my freedom That they just refused to tell me the way back home I am looking for my discarded insensitive chains As soon as I free thoughts, they just scatter away - Vineet Raj Kapoor इक दिन मेरे आज़ाद ख़याल कुछ इतने आज़ाद हो गए कि मुझे अपने ही घर का रास्ता दिखाने से भी मुकर गए अब मैं फिर से ढूंढ रहा हूँ बेहिस ग़ुलामी की ज़ज़ीरों को ख़यालों को आज़ाद करते ही वो देखो सारे बिखर गए बेहिस =insensitive (विनीत राज कपूर) One day my free thoughts got swayed by freedom