ये खुदा एक बात मुझे कभी ना समझ आए, कि जो बोल नहीं सकते ,जो समझ नहीं सकते , ये जानवर, ये पेड़ तेरी आइन को समझते हैं और मानते भी हैं और उस पर चलते भी हैं । लेकिन तेरा इंसान ना तेरे आइन को मानते हैं ना उस पर चल रहा है। वो इतना नादान क्यों बनता जा रहा है। तु उसे समझता क्यों नहीं? Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "आईन" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।