तू इतना बेख़बर क्यू हो जाती है,(रोटी से) तुझे पाने के लिए हर दिन हज़ारो कदम चलना पड़ता है, फिर भी तुझे मेरी चाहत पे तरस नही आता, जितना करीब आने की कोशिश करता हूं, उतना ही तू बेवफाई भरी रौब दिखाती है। माना कि तू हर किसी की चाहत है, तुझे भी क्या शौक चढ़ी है रहीसी की, जो गली के लोगो की इज्जत न भांति है आमिर आशिया की कवाब बन इठलाती है, तेरी रुस्वाई कितनों की जान ले लेती है, रहम की भूख भी न तरस खाती है। मज़बूर को और न मज़बूर बना, बेगानो की बस्ती में भी थोड़ा पैर फैला, थोड़ी सी भूख हर मजदूर की मिटा। ©Pradeep Sargam💐💐 #nojoto #pradeepsargam #storytelling #shayri #muskan #india #mehngaai