एक दिन की बात है मैं स्कूल के लिए जा रही थी अपनी धुन में ..रास्ते मे मुझे दो लड़के मिले मैंने उन्हें क्रॉस किया और आगे निकल गयी दो किलोमीटर चलने के बाद देखा एक छात्रा बड़ी तेजी गति से लम्बे लम्बे पग चल रही थी .... मैंने अपनी बाइक धीमी की फिर स्पीड बढ़ा दी फिर वो छात्र तेज से चिल्लाई मुझे भी बिठा लो मैंने उसकी नहीं सुनी... थोड़ी देर बाद याद आया कि मैं अपना मोबाइल घर भूल आईं हूँ । मैन बाइक मोड़ी और सपिफ बढ़ाई घर की तरफ चल दी तो मैंने देखा कि वो दौड़ती आ रही है जैसे जैसे में उसके पास पहुँची बहुत तेज से रोने लगी .. मैंने पूछा- क्या हुआ है तो वो बोली कुछ नहीं फिर पूछा वो बोली कुछ नहीं... तो तुम आख़िर रो क्यों रही हो , तब उसने कहा- मैंम इस रोड पर एक दो बतमीज आ जाते हैं और कहते हैं तुम कहो तो कंधे पर बिठा के तुम्हारे स्कूल छोड़ दूं.. वहीं से मैंने अपनी बाइक मोड़ी और उस बच्ची को उसके स्कूल छोड़ा फिर मैं अपने स्कूल को गई और छुटी में मैंने अपने स्टाप में ये बात कही और मैंने वही से 100 नम्बर को कॉल कर दिया और एक टीचर का मोबाइल लेके निकल पड़ी उधर से आना हुआ तो मैं पैदल आई और रास्ते में वही लोग फिर से दिखे देखते ही 100 नम्बर डायल किया उसके बाद वो लड़के पकड़े गए उनकी खूब अच्छी धुलाई हुई .....। एक दिन की बात है मैं स्कूल के लिए जा रही थी अपनी धुन में ..रास्ते मे मुझे दो लड़के मिले मैंने उन्हें क्रॉस किया और आगे निकल गयी दो किलोमीटर चलने के बाद देखा एक छात्रा बड़ी तेजी गति से लम्बे लम्बे पग चल रही थी .... मैंने अपनी बाइक धीमी की फिर स्पीड बढ़ा दी फिर वो छात्र तेज से चिल्लाई मुझे भी बिठा लो मैंने उसकी नहीं सुनी... थोड़ी देर बाद याद आया कि मैं अपना मोबाइल घर भूल आईं हूँ । मैन बाइक मोड़ी और सपिफ बढ़ाई घर की तरफ चल दी तो मैंने देखा कि वो दौड़ती आ रही है जैसे जैसे में उसके पास पहुँची बहुत तेज से रोने लगी .. मैंने पूछा- क्या हुआ है तो वो बोली कुछ नहीं फिर पूछा वो बोली कुछ नहीं... तो तुम आख़िर रो क्यों रही हो , तब उसने कहा- मैंम इस रोड पर एक दो बतमीज आ जाते हैं और कहते हैं तुम कहो तो कंधे पर बिठा के तुम्हारे स्कूल छोड़ दूं.. वहीं से मैंने अपनी बाइक मोड़ी और उस बच्ची को उसके स्कूल छोड़ा फिर मैं अपने स्कूल को गई और छुटी में मैंने अपने स्टाप में ये बात कही और मैंने वही से 100 नम्बर को कॉल कर दिया और एक टीचर का मोबाइल लेके निकल पड़ी उधर से आना हुआ तो मैं पैदल आई और रास्ते में वही लोग फिर से दिखे देखते ही 100 नम्बर डायल किया उसके बाद वो लड़के पकड़े गए उनकी खूब अच्छी धुलाई हुई .....। सभी छात्राओ से मेरा यही कहना है कि आप डरो मत थोड़ा सा भी अगर डाउट है तो आप जरूर 1090 या 100 नम्बर डायल करो और अपनी सुरक्षा करो अनहोनी होने से बचाओ अपने आप को अखबार में नग्न छपने मत दो........👍👍 #कोराकाग़ज #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता