Nojoto: Largest Storytelling Platform

भंवरे जाते ज्योति की ओर समझ, मानो हो गईं भोर। लपटो

भंवरे जाते ज्योति की ओर
समझ, मानो हो गईं भोर।
लपटों से होते ही मिलन
जल उठता उनका तन।
ऐसा ही आकर्षण यौवन का
जो बदल देता रूप तन बदन का।
भर्मित मन फिर जाता भटक
विपरीत लिंगी पर जाता अटक।
अपने लक्षयों से होकर विमुख
लूटना चाहता यौवन के सुख।
इसमें ही बीत जाता उसका समय
बीत जाता जब यौवन का काल
तब समझ आती माया की चाल।

©Kamlesh Kandpal
  #Yuwaon