Nojoto: Largest Storytelling Platform

देख स्वप्निल स्वर्ण मृग माता का मन हर्षाया पूर्ण

देख स्वप्निल स्वर्ण मृग माता का मन हर्षाया
 पूर्ण करें उनकी इच्छा प्रभु का मन भी आतुर हो आया

कहें लोग प्रभु की लीला क्यों प्रभु न जाने
स्वर्ण मृग है छलावा खुद कैसे न पहचाने

गर स्वर्ण मृग के पीछे प्रभु खुद न जाते
लक्ष्मण को आवाज़ लगा फिर कैसे उन्हें बुलाते

ऋषि पुत्र के संहार का फिर बनता कैसे कोई कारण
आखिर कैसे मारा जाता फिर दुष्ट लंकेश रावण

दिया हमें संदेश प्रभु ने दंड एकमात्र उसका संहार
जब भी कभी कोई बुरी दृष्टि से यूँ देखेगा परनार

©Divya Joshi स्वर्ण मृग मारीच

देख स्वप्निल स्वर्ण मृग माता का मन हर्षाया
 पूर्ण करें उनकी इच्छा प्रभु का मन भी आतुर हो आया

कहे लोग प्रभु की लीला क्यों प्रभु न जाने
स्वर्ण मृग है छलावा खुद कैसे न पहचाने
देख स्वप्निल स्वर्ण मृग माता का मन हर्षाया
 पूर्ण करें उनकी इच्छा प्रभु का मन भी आतुर हो आया

कहें लोग प्रभु की लीला क्यों प्रभु न जाने
स्वर्ण मृग है छलावा खुद कैसे न पहचाने

गर स्वर्ण मृग के पीछे प्रभु खुद न जाते
लक्ष्मण को आवाज़ लगा फिर कैसे उन्हें बुलाते

ऋषि पुत्र के संहार का फिर बनता कैसे कोई कारण
आखिर कैसे मारा जाता फिर दुष्ट लंकेश रावण

दिया हमें संदेश प्रभु ने दंड एकमात्र उसका संहार
जब भी कभी कोई बुरी दृष्टि से यूँ देखेगा परनार

©Divya Joshi स्वर्ण मृग मारीच

देख स्वप्निल स्वर्ण मृग माता का मन हर्षाया
 पूर्ण करें उनकी इच्छा प्रभु का मन भी आतुर हो आया

कहे लोग प्रभु की लीला क्यों प्रभु न जाने
स्वर्ण मृग है छलावा खुद कैसे न पहचाने
divyajoshi8623

Divya Joshi

Silver Star
Growing Creator