धुआँ धुआँ सी कहीं हो न जाये ज़िन्दगी, धुआं धुआं सी कहीं हो न जाए ज़िंदेगी वक़्त है सुधर जाओ कहीं जल ना जाए ज़िन्दगी धुआं धुआं सी कहीं ही न जाए जींदेगी दर्द के प्यास बुझाते बुझाते कहीं राख हो ना जाए ज़िंदेगी धुआं धुआं सी कहीं हो न जाए ज़िंदेगी यादें की पिंजरे तड़पते तड़पते कहीं सो न जाए ज़िंदेगी धुआं धुआं सी कहीं हो न जाए ज़िंदेगी उसकी यादों में भी सुबह कहीं उठ ही न पाए ज़िंदेगी #धुआंधुआं