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ना गर्मी हम पर हंसती, ना पसीने से हम रोते। का


 

ना गर्मी हम पर हंसती,
ना पसीने से हम रोते। 
काश! पेड़ लगाए होते

आसमान के बादल भी,
 खुशी खुशी धरती को भिगोते। 
काश! पेड़ लगाए होते

बद से बदतर हो रही गर्मी को,
बोलो अब कौन रोके?
 काश! पेड़ लगाए होते

फल है यह इंसान की ही करनी का,
वही काटते जो हम बोते।
काश! पेड़ लगाए होते

तापमान ना इतना बढ़ता,
ठंडक को हम यूं ना खोते।
 काश! पेड़ लगाए होते

धरती की धरोहर है हरियाली,
हर हाल में उसको संजोते।
काश! पेड़ लगाए होते

©Anita Agarwal
  #trees#treesforlife