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बचपन और बड़े भैया शरारत न होती , शिकायत न होती  नैन

बचपन और बड़े भैया शरारत न होती , शिकायत न होती 
नैनों में किसी के , नज़ाकत न होती 
न होती बेकरारी , न होते हम तन्हा 
अगर जहाँ में कम्बख्त ये मोहब्बत न होती
बचपन और बड़े भैया शरारत न होती , शिकायत न होती 
नैनों में किसी के , नज़ाकत न होती 
न होती बेकरारी , न होते हम तन्हा 
अगर जहाँ में कम्बख्त ये मोहब्बत न होती