जेहन में कभी ये ख्याल आया ही नहीं था, कि चंद पंक्ति भी लिख पाऊंगी मैं तेरी मोहब्बत के सजदे में एक शायर भी बन जाऊंगी मैं शायर भी बन जाऊंगी मैं