गांधी को नहीं मानता ऐसा कोई है नहीं अगर हुआ कोई ऐसा भी तो पूरा उसे पता नहीं है जज़ कर लेते हैं लोग उनको एक बुराई से सोचते नहीं अगर न करते व्रत, ना करते दांडी यात्रा छलनी हो रहे होते सीने कभी इधर कभी उधर भगत सिंह की फांसी पर कोसतें लोग उनको हज़ार हैं यह नहीं सोचा कभी उनकी वज़ह से कहलाए वो शहीद, आज हैं अहिंसा की राह चली तभी देश को स्वतंत्र कराया बंदूक हथियार को छोड़कर देश को सम्मान दिलाया यह नहीं कहती मैं कि उन्होंने इकलौते ही देश को आजाद कराया पर उनकी दृढ़ निश्चय को स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना हथियार बनाया #gandhi