अन्तराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस की शुभकामनायें जिसने ओढ़ रखी हो 1 मोटी चादर तजुर्बों की भले ही, फिर भी हर बात पर "आप नहीं समझोगे" सुनकर भी चुप चाप रह जाता है। जिसने पूरी जवानी जिम्मेदारियों के नाम पर दांव पर लगा दी हो भले ही, फिर भी अन्त में "आपके पास कौनसी दौलत है" सुनकर थोड़ा सहम सा जाता है। जिसने पूरी जिन्दगी की कमाई 1 छोटा सा घर बनाने में लगा दी हो भले ही, लेकिन जब "आप वृद्धाश्रम चले जाईये यहाँ आप शोभा नहीं देते" सुनकर आँखे नम कर लेता है। जिसने हर 1 चीज का समय से याद रखकर पूरा काम किया था भले ही, लेकिन जब "आपसे 1 काम ठीक से नही होता" सुनकर मुहँ ताकता रह जाता है। जिसने बड़ी से बड़ी गलती भी यूँही माफ कर दी थी भले ही, लेकिन आज जब 1 गलती पर भी"रहने दो मुझे आपसे कोई बात ही नही करनी" सुनकर भगवान से उठा लेने की माँग करता है। जी हाँ आज के परिपेक्ष्य में वो ही "बुजुर्ग" कहलाता है। सुन ओ इन्सान क्यूँ बन गया है तू हैवान इतना, क्यूँ कर रहा बुजुर्गों का तिरस्कार। थोड़ा दे वक्त उनको, ले थाम हाथ उनका, बन जा तू सहारा फिर देख खुदा का चमत्कार । अन्तराष्ट्रीय बुजुर्ग दिवस की शुभकामनायें