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मेघ को दूत बनाकर,भेजूँ कुछ सन्देश मेघ तो रहता अब


मेघ को दूत बनाकर,भेजूँ कुछ सन्देश
मेघ तो रहता अब दूर अपने देश
नहीं आता कितना करती मनुहार
नहीं आता अब इसको
हम इंसानो पर प्यार
कितना कहा उससे मैंने
पहुँचा दे मेरे पिया को सन्देश
जो रहते मुझसे दूर देश।
चल न पहुँचा सन्देश
यूँ ही बरस जा
थोड़ा गुस्से से ही गरज जा
भिंगो दे धरती का तन मन
कुछ तो उपजे ,किसानों का अन्न
क्रोध भाव से गरजा मेघ
ए इंसान तू खुद ही देख
तूने छोड़ा बोना पेड़
मैंने भी बरसना छोड़ा
बोलो क्यूँ मैं बरसूं
क्यूँ सिर्फ मैं ही तरसू
अब मैं नहीं मेघदूत बन सकता हूँ
तुम्हारे बनाये नियम पर नहीं चल सकता हूँ।
फिर स्वयं हुआ भान
आया यह ध्यान
अब तो बदल भी बदल गए हैं
जज़्बात इनके भी हमारे जैसे ढल गए हैं
एक हाथ से दो,दूजे से लो
ये भी हमारे से बन गए हैं.... #मेघ
#YQDidi


मेघ को दूत बनाकर,भेजूँ कुछ सन्देश
मेघ तो रहता अब दूर अपने देश
नहीं आता कितना करती मनुहार
नहीं आता अब इसको

मेघ को दूत बनाकर,भेजूँ कुछ सन्देश
मेघ तो रहता अब दूर अपने देश
नहीं आता कितना करती मनुहार
नहीं आता अब इसको
हम इंसानो पर प्यार
कितना कहा उससे मैंने
पहुँचा दे मेरे पिया को सन्देश
जो रहते मुझसे दूर देश।
चल न पहुँचा सन्देश
यूँ ही बरस जा
थोड़ा गुस्से से ही गरज जा
भिंगो दे धरती का तन मन
कुछ तो उपजे ,किसानों का अन्न
क्रोध भाव से गरजा मेघ
ए इंसान तू खुद ही देख
तूने छोड़ा बोना पेड़
मैंने भी बरसना छोड़ा
बोलो क्यूँ मैं बरसूं
क्यूँ सिर्फ मैं ही तरसू
अब मैं नहीं मेघदूत बन सकता हूँ
तुम्हारे बनाये नियम पर नहीं चल सकता हूँ।
फिर स्वयं हुआ भान
आया यह ध्यान
अब तो बदल भी बदल गए हैं
जज़्बात इनके भी हमारे जैसे ढल गए हैं
एक हाथ से दो,दूजे से लो
ये भी हमारे से बन गए हैं.... #मेघ
#YQDidi


मेघ को दूत बनाकर,भेजूँ कुछ सन्देश
मेघ तो रहता अब दूर अपने देश
नहीं आता कितना करती मनुहार
नहीं आता अब इसको
anupamajha9949

Anupama Jha

New Creator