वापिस आयी आसपास पहरों को और मजबूत पायी मन लगाए लगा नहीं आजादी का स्वाद जो कुछ पल चख आयी, आप अगर मुझपे करोगे विश्वास कभी नहीं तोङूगी आपकी आस बाकी उन शक्की नजरों का है मुझको भी आभास, मुझे एक बार को छोड़ के देखो सारी बेरींया तोड़ के देखो वापिस लौटुंगी नियत समय पर ये बंद किवाड़ खोल के देखो.. #किवाड़#hindipoem#overprotective#nojotopoem#nojoto