अनछुए हर्फ़ ************ अनछुए हैं हर्फ़ मेरे अभी अभी बाज़ार में उतरे न जाने कितनी निग़ाहों ने छूने की कोशिशें कीं इससे पहले कि कोई नज़र इनकी आबरू से खेले गुज़ारिश है तुम इन्हें दामन में सम्हालो अपने अल्फ़ाज़ों में मेरे हर्फ़ों की अस्मत समेट लो कोई लब इन्हें छू पाए इससे पहले गुज़ारिश है तुम इन्हें अपने लफ़्ज़ों की आग़ोश में रख लो. ©malay_28 #अनछुए हर्फ़