छिप रहा है चाँद अब झाड़ियों के बीच मे। जैसे वो छिप गई है साड़ियों के बीच मे। मैं ढूढ रहा हु उन्हें कच्चे घर और बगानों में, वो खो गई है बंगलो और गाड़ियों के बीच मे। ,मैं ,मैं ना रहा वो उनका हम हो गए आज कल, मैं उन्हें ढूढ रहा हाथ की नाड़ियो के बीच मे। ✍विवेक #छिप रहा चाँद #ColdMoon