लिख सका ना मैं उसको कभी, दिल मे मेरे जो बसा नहीं.. लिख रहा हूँ उसको ही बस, हैं जिससे कभी कुछ छुपा नहीं । बह रहा हूँ दरिया मे जिस, कहते हैं कुछ डूबा हुआ. थामे अगर तू मुझको कभी, तो कह सकू के डूबा नहीं..।। ©yudi #Nature