Nojoto: Largest Storytelling Platform

बिक के कोड़ी के भाव वो,महल बनाने चले हैं, गिर के अ

बिक के कोड़ी के भाव वो,महल बनाने चले हैं,
गिर के अपने मुकाम से,वो मुझे उठाने चले हैं।
कर के खून खवाबों का, सपने सजाने चले,
रेत की बुनियाद पर वो, अब घर बनाने चले हैं ।।

©Chauhan Vijay Kumar #walkingalone 
#poetrybychauhanVkumar 
#poem #thought #shayri 
#Love #SAD #alone 
#Instagram #Nojoto
बिक के कोड़ी के भाव वो,महल बनाने चले हैं,
गिर के अपने मुकाम से,वो मुझे उठाने चले हैं।
कर के खून खवाबों का, सपने सजाने चले,
रेत की बुनियाद पर वो, अब घर बनाने चले हैं ।।

©Chauhan Vijay Kumar #walkingalone 
#poetrybychauhanVkumar 
#poem #thought #shayri 
#Love #SAD #alone 
#Instagram #Nojoto