सुनो मेरी बात ये बात ज़रूरी है सामाज मेरा खोखला न कोई मज़बूरी है इंसानियत का कत्ल हम status लगाएंगे चार दिन की बात ये फिर सब भूल जाएंगे पर क्या समस्या कभी जड़ से मिटा पाएंगे ? बेटी बचाना है, बेटी पढ़ाना है हर नारे में इनको बस कमज़ोर ही बताना है घर से न निकलो, ये वक़्त न ठीक क्या लड़को को बोला कभी भाई इंसानियत तू सिख नज़रिया बदलो ये दुनिया बड़ी प्यारी है वरना झांको अपने घर मे वहाँ भी एक नारी है #चेंज