हर उम्र की बदमाशियाँ आँखों में तेरी हैं हर हाल की तैयारियाँ आँखों में तेरी हैं सब बाल काले कर ले छुपा ले त्वचा से उम्र पर झुर्रियाँ और झाइयाँ आँखों में तेरी हैं बर्ताव तेरा बावफ़ा सौ फ़ीसदी सही छुप बैठी बेवफ़ाइयाँ आँखों में तेरी हैं तेरी अदाएँ झरना शराफ़त का हैं भले पर बोलती गुस्ताखियाँ आँखों में तेरी हैं ये हिन्दू-मुसलमाँ ये ईसाई ये सिक्ख-जैन ये अनगिनत बीमारियाँ आँखों में तेरी हैं ©Santosh Pathak #आंखों_की_जुबां #jharokha